बांस का चिकन हिंदी कहानियाँ |Hindi Kahaniya Bedtime |MoralStories|story in hindi
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बांस का चिकन हिंदी कहानियाँ |
वे दोनों पैसे वाले बच्चे थी लेकिन किशन एक मामूली किसान का बेटा था किशन को बचपन पढ़ाई से ज्यादा नई चीजों को सीखने की चाह ज्यादा थी कोई वीडियो ठीक करता तो उसे देखता कोई कपड़े सीता तो उसे देखता
बांस का चिकन हिंदी कहानियाँ
उसकी माँ खाना बनाती तो उसे गौर से देखता था एक दिन किशन के पिताजी देहांत हो गया तब से उसकी माँ खेतों में मजदूरी करके घर का भार संभाल ली थी युवती ने बढ़े हुए शंकर पोल्ट्री फार्म संभालने लगा तो जय हूँ एक्सपोर्ट संभालने लगा पर किशन एक बिरियानी होटल में काम करने लगा वो खाना बनाना जानता था तो बिरियानी और कई व्यंजन बनाता था उसका मालिक कृपालु लेकिन संख्या कम देता था एक दिन माँ की तबियत ख़राब हुई तो किशन ने अस्पताल में भर्ती कराया देखो किशन अब तुम्हारी माँ काम नहीं कर सकतीं दिल की बीमारी शुरू हो गई है और ऑपरेशन करना होगा अगर तुम्हारे पास आपरेशन पैसे नहीं है तो कम से कम उनसे काम तो न करा ये दवाएं छह महीने के लिए देते हैंबांस का चिकन हिंदी कहानियाँ
फिर देखते हैं शायद ठीक हो जाए महीने का दस हज़ार रुपये खर्च होंगे किसान ने जाकर रेड्डी बाबू से पैसे मांगे क्या हर मैं दस हज़ार रुपये उधार चाहिए वो भी छह महीने के लिए इसे कोई बैंक समझा क्या जाओ यूशन किया तो नौकरी से भी हाथ धो बैठोगे खलार क्रिकेट चेतावनी जी अगले दिन हॉस्पिटल में निराश होकर बैठे किशन ने कुछ मोटे लोगों को डॉक्टर से मिलते हुए देखा जा के साथ मैने मोटापा कम करने के लिए हर तरह से कोशीश कि या आप कहते हैं कि चिकना था सब खाकर सेहत मंद कैसे होंगे यह बताएगा कि साहब आप भी ना जानवर चिकन को कच्चा ही खाते हैं इसलिए उन्हें कोई बीमारी नहीं होती पर हम ऐसा नहीं खा सकते ना हम तेल में तलकर उसमें मसाला डालकर खाते हैं आपको चिकन खाना बन करना होगा कम से कम कुछ दिनों के लिए तो बंद करना ही होगा ये बात सुनकर किशन सोच में पड़ गया अगले दिन तीनों दोस्त मिले तेरी हालत देखकर मुझे बहुत दुख होता है यार बोलना तुम्हें जो चाहिए मदद हम करेंगे पैसे कितने चाहिए बताओ थैंक्स यार दोस्ती में पैसे नहीं आनी चाहिएबांस का चिकन हिंदी कहानियाँ
वो खतरनाक होता है तुम दोनों मेरी एक सहायता कर दो काफी है कुछ दिनों तक मुझे पांच देना और तू मुझे मुर्गियां मुझसे नहीं मैं बाद में तुम लोगों को पैसे दे दूंगा वे दोनों मान गए अगले दिन अपने घर के बाहर किशन बैंबू चिकन का बोर्ड लगाया एक छोटा सा तंदूर भी बनाए यह ट्रोली में बेबो के साथ यहाँ आया शंकर मुर्गियों की टोकरी के साथ वहाँ आया उसके बाद टेबल पर टुकड़े किए गए चिकन और बार्स रखे हुए थे अरे यार आप लोग यहीं सोच रहे हो ना की मैं क्या करने वाला हूँ मैं बैंबू चिकन
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